भारत के संविधान की 12 अनुसूचियाँ
(1) प्रथम अनुसूची :- इसके अंतर्गत भारत के 28 राज्य तथा 7 केंद्र शासित प्रदेशो का उल्लेख किया गया है|
(2) दूसरी अनुसूची :- इसमें भारतीय संघ के पदाधिकारियों को मिलने वाले वेतन, भत्ते तथा पेंशन का उल्लेख है|
(3) तीसरी अनुसूची :- इसमें भारत के विभिन्न पदाधिकारियों की शपथ का उल्लेख है|
(4) चौथी अनुसूची :- इसके अंतर्गत राज्यों का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व का विवरण मिलता है|
(5) पाँचवी अनुसूची :- इसमें अनुसूचित क्षेत्रों तथा अनुसूचित जनजाति के प्रशासन व नियंत्रण के बारे में उल्लेख मिलता है|
(6) छठी अनुसूची :- इसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में उपबंध हैं|
(7) सातवीं अनुसूची :- इसके अंतर्गत केंद्र व राज्यों के बीच शक्तियों का बटवारा किया गया है| इस अनुसूची में 3 सूचियों है :-
1. संघ सूची
2. राज्य सूची
3. समवर्ती सूची
1. संघ सूची :- इसके अंतर्गत 98 विषय है| इन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार केवल केंद्र को है|
2. राज्य सूची :- इस सूची में 62 विषय है| जिन पर कानून बनाने का अधिकार केवल राज्य को है| लेकिन राष्ट्रहित से सम्बन्धित मामलो में केंद्र भी कानून बना सकता है|
3. समवर्ती सूची :- इसके अंतर्गत 52 विषय है| इन पर केंद्र व राज्य दोनों कानून बना सकते है| परन्तु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून मान्य होता है |राज्य द्वारा बनाया गया कनून केंद्र द्वारा बनाने के
बाद समाप्त हो जाता है|
(8) आठवी अनुसूची :- इसमें भारतीय संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त 22 भाषाओं का उल्लेख किया गया है| मूल संविधान में 14 मान्यता प्राप्त भाषाए थी | सन 2004 में चार नई भाषाए मैथली, संथाली, डोगरी और बोडो को इसमें शामिल किया गया |
(9) नौंवी अनुसूची :- यह अनुसूची प्रथम संविधान संसोधन अधिनियम 1951 द्वारा जोड़ी गयी थी| इस अनुसूची में सम्मिलित विषयों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती| लेकिन यदि कोई विषय मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करे तो उच्चतम न्यायालय इस कानून की समीक्षा कर सकता है| अभी तक नौंवी अनुसूची में 283 अधिनियम है, जिनमे राज्य सरकार द्वारा सम्पति अधिकरण का उल्लेख प्रमुख है|
(10) दसवी अनुसूची :- इसे 52वें संविधान संशोधन अधिनियम 1985 द्वारा मूल संविधान में जोड़ा गया| इस अनुसूची में दल-बदल सम्बन्धित कानूनों का उल्लेख किया गया है|
(11) ग्यारहवी अनुसूची :- यह अनुसूची 73वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा मूल संविधान में जोड़ा गया| यह अनुसूची पंचायती राज से सम्बन्धित है, जिसमे पंचायती राज से सम्बन्धित 29 विषय है|
(12) बारहवी अनुसूची :- यह अनुसूची 74वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा मूल संविधान में जोड़ा गया| इसमें शहरी क्षेत्रों के स्थानीयस्वशासन संस्थानों से सम्बन्धित 18 विषय है|
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